न सोचो कि तुम हो मेरे भाग्य वेत्ता ईश्वर तो सबको ,सब कुछ बराबर देता आज जो रुप तुमने है पाया वह भी... न सोचो कि तुम हो मेरे भाग्य वेत्ता ईश्वर तो सबको ,सब कुछ बराबर देता आज जो रुप ...
कभी काले घने बादलों से आच्छादित, कभी स्वच्छ निर्मल शुद्ध जैसे हो बर्फ की सफेद चादर। कभी काले घने बादलों से आच्छादित, कभी स्वच्छ निर्मल शुद्ध जैसे हो बर्फ की ...
तेरा शुक्रिया, हर पल शुक्रिया। तेरा शुक्रिया, हर पल शुक्रिया।
मानवता हुई लापता क्या इन्सानियत भी सो गयी है। मानवता हुई लापता क्या इन्सानियत भी सो गयी है।
तुझ पर फेंकी हर ईंट उठा, जोड़ सभी को मज़बूत नींव बना। तुझ पर फेंकी हर ईंट उठा, जोड़ सभी को मज़बूत नींव बना।
बच्चों को जैसा मिला बचपन में परिवेश वैसा ही है आजकल यह समाज यह देश। बच्चों को जैसा मिला बचपन में परिवेश वैसा ही है आजकल यह समाज यह देश।